Sunday 15 August, 2010

क्या पाकिस्तान आज़ाद है ?????????

१४ अगस्त अखंड भारत के विघटन की तिरेसठ बरस पुरानी तारिख़ . ना ही पाक़िस्तान के उदय से उस वक़्त कोई ताज़्ज़ुब रहा और ना ही वर्तमान परिपेक्ष्य में हम यह उम्मीद करे कि भारत ,पुनः संगठित होकर एक अखंड राष्ट्र शक्ति बनेगा . बकौल ज़िन्ना भारत एक नहीं दो राष्ट्र हैं .गाँधी ने कप्तान नेहरु  को बनाया और जिन्ना वेवफा हो गए


, ज़िन्ना की महत्वकांक्षा के ज्वर ने अलग मुल्क पाकिस्तान के राष्ट्रपति की कुर्सी का ख्वाब सजाया.ज़िन्ना जिंददी थे जो चाहा वह कर कर दिखाया . पंडित जी महान हैं और सत्ता पाकर और भी महान हो गए ......बस एक पाकिस्तान बनने से ज़िन्ना और नेहरु अपने-अपने मुल्क में महान हो गए .असंख्य दिल टूट गए .......कितने घर बर्बाद हुए, अपनी हीरों से रांझे दूर हुए ,    अंततः मुल्क की तकसीम हुयी.........और ज़िन्ना ने कहा ये रहा पाकिस्तान .........हमारा पाक़ पाकिस्तान ,मानो एक लकीर भर खींच देने से मुल्क का बंटवारा हो गया हो ................लाहोर ,करांची ,ढाका और रावलपिंडी को हिन्दुस्तान से पाक़िस्तान बनने में जो कत्लो खून हुआ उससे सत्ता के पैरोकारो ने यह सीखा की कितनी भी विषम स्थिती हो कुर्सी का मोह नहीं छोड़ना चाहिए ,संवेदना को ह्रदय से निकाल बाहर कर दो लक्ष्य की प्राप्ती अवश्य ही होती हैं ........ आज 63 बरस बाद क्या कोई सरकारी ,गैर सारकारी संसथान दोनों मुल्को को वापस एक हो जाने की कोशिश में नहीं दिखाई देता.........ये साज़िश हैं जो अनवरत ज़ारी हैं ........बांग्लादेश के निर्माण के बाद अब यह साजिश द्वपक्षीय नहीं रह गयी ..................यह सर्क्कारी भ्रष्टाचार की अंतररास्ट्रीय शक्ल हैं जिसे राष्ट्रिय स्तर पर पहचानकर हमें भारत ,पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारों के खिलाफ मुहीम तेज़ करनी होगी.........साथ ही बराक ओबाम और उनके उतराधिकारियों को उनके मुल्क की सरहद और हद को समझना होगा .


पाक़िस्तान (१९४७ के पहले का हिन्दुस्तान)को बरगलाकर अमेरिका ना सिर्फ हिन्दुस्तान को उलझा रहा हैं बल्कि गहरे तौर पर एशिया के विकास को बाधित कर रहा हैं असल में यह उसकी मोनोपाली कायम रखने का गैर लोक्तान्तिक तरीका हैं .....आज पाक़िस्तान जल रहा हैं .........बारूद पर बैठे मुल्क को कैसे समझ आये के ज़म्हुरियत का विकल्प बन्दूक नहीं होती......इंसान चाहे किसी कौम का हो उसे जीने के लिए रोटी चाहिए ,रोटी के रोज़गार चाहिए और रोज़गार का बन्दूक से कोई ताल्लुक नहीं ...........जहाँ कुछ बदतमीज़ गुट बन्दूक के सहारे न्यायपालिका और मीडिया पर हावी हो जाए वहां अवाम अपने सपने नहीं बुन सकता ...........और  जहाँ


ख्वाब नहीं बुने जाते वहां मोहोबत्त नहीं बस्ती ............इश्क़ नहीं फैलता .............बिना इश्क़ के इंसान इंसान नहीं कहलाता ............... पर


पकिस्तान में भी मोहोबत्त बस्ती हैं और हिन्दुस्तान भी ..................और नफरत का धंधा भी दोनों तरफ ज़ारी हैं और नफरत के उस कारोबार में जो सबसे बड़ी रूकावट हैं वह हैं अमन मोहोबत्त प्यार इश्क-विश्क ..................तो कोई भी कारोबारी अपने रस्ते में आने वाली रूकावटो को पहचानकर उन्हें सदा के लिए दूर कर देना चाहता हैं ...........और हमरे ये नेता भी ऐसे ही कारोबारी हैं................वो हमें नफरत का एक उत्पाद मान रहे हैं .........................क्या हम इश्क बाँट कर उनके उत्पादन में कमी नहीं करना चाहेगे....???????.........और अब सिर्फ नेता ही नहीं बहुत सी शक्तिया है जी इस साज़िश में शामिल हैं ....................हम प्यार बाटने वाले लोग हैं ................और पकिस्तान में प्यार की ही दरकार हैं ......................दरअसल जो मुल्क नफरत की बुनियाद में बना हो वहा अमन बेहद मुश्किल हैं लेकिन


 हमें भूलना नहीं होगा जी ४७ के पहले पकिस्तान पकिस्तान नहीं था .........पकिस्तान पकिस्तान हैं क्योंकि हिन्दुस्तानियों ने गलती की और वह


जो भी था हिंदुस्तान था और जब आज पाकिस्तान जल रहा हैं ..................रोटी रोज़गार और मोहोबत्त मांग रहा हैं ..तो वहा की अवाम को यह बतलाना हमारे लिए ज़रूरी हो जाता हैं की आपके यहाँ लोकतंत्र नहीं हैं ऐसे में आप भले ही आज़ादी के गीत गाये कोई मायने नहीं .............लोकतंत्र  बहाल


होगा आपके जागने से तो आइये हम मिलकर पहले जागरण का शंखनाद करे





.............यह कैसे संभव हैं हिंदुस्तान का एक भूभाग हिन्दुस्तान के खिलाफ आतंक हिंसा और नफरत का प्रायोजक बना हुआ हैं ??????? नफरत के सौदागरों ने इसे संभव बना दिया हैं ..........................और यह वहशीपन पिछले १०० सालो से अनवरत ज़ारी हैं .........आओ के आज पाकिस्तान के स्वाधीनता दिवस पर उम्मीद करे के नफरत का ये कारोबार ख़त्म हो ...............और हिन्दुस्तान वापस अखंड भारत बन सतरंगी मोहोबत्त का गीत गाये ........................

4 comments:

  1. स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  2. saara jahan hamaara ,ab waqt gaya badal ,man se ho jaaye ek ,mita kar har bhed ,insaaniyat aur aman kayam rakkhe ,jo thi w jo hai un kamiyon ko door kare aapas me milkar .jai hind ,haardik badhai swantrataa divas par .

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  3. आओ के आज पाकिस्तान के स्वाधीनता दिवस पर उम्मीद करे के नफरत का ये कारोबार ख़त्म हो ...............और हिन्दुस्तान वापस अखंड भारत बन सतरंगी मोहोबत्त का गीत गाये ..........

    आमीन ......!!

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  4. आपकी बात सच हो .... ऐसी कामना है ...

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